स्कूल प्रिंसिपल संदेश

श्री दया शंकर विजय

”All the power is within you, you can do anything and everything” – Swami Vivekananda
प्रिय माता-पिता,विधार्थियों एवं साथियों,

बच्चो मे अपार क्षमताये है | इस क्षमता को बहार निकलने एवं विकसित करने का उदेश्य लेकर केन्द्रीय विद्यालय बनाया गया है | हम सब इस संस्था का सदस्य बनने पर गौरवान्वित है |

विद्यालय का प्रमुख लक्ष्य बच्चो का सर्वागिंग विकास करना है | स्कूली जीवन मे डाले गये संस्कार एवं नैतिक आदर्श पूरे जीवन का रास्ता प्रदान करते है | इस पवित्र काम मे सहयोग करना हमारा प्रमुख कर्त्तव्य है |

विद्यालय का काम केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है | बच्चो का सामाजिक, आर्थिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक और नैतिक विकास करना हमारा उदेश्य है | विद्यालय में विभीन्न माध्यमो एवं साधनो के द्वारा बच्चो का नियमित रूप से भविष्य के लिए तैयार किया जाता है | “कभी हार नहीं मानूंगा” का पाठ पढ़ाया जाता है |

शिक्षक एवं बालक जीवन भर कौशल शिकते हैं। सीखने की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए. हम जीवन भर जिज्ञासु बने रहते हैं।
हमारा मुख्य उद्देश्य बच्चों की बौद्धिक क्षमता, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ाना है।
बच्चों को उन चीज़ों के लिए आभारी होना सीखना होगा जो उनके पास हैं। दूसरों की चीज़ों, लोगों और भावनाओं का सम्मान करें। आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक मजबूत और सक्षम हैं। बस इच्छा शक्ति होनी चाहिए. यदि आप जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो केवल भाग्य के भरोसे न रहें, आपकी सफलता का 98% हिस्सा कड़ी मेहनत है और 2% भाग्य का है, इसलिए भगवान पर विश्वास रखें और आत्मविश्वास बनाए रखें। कर्म, विचार और सत्य के बीच संतुलन बनाकर। हम जीवन में आदर्श स्थापित कर सकते हैं I

श्री दया शंकर विजय
प्राचार्य